काँटों से घिरा रहता है,फिर भी गुलाब खिला रहता है…!!
काँटों से घिरा रहता है,
फिर भी गुलाब खिला रहता है…!!
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
वह मुझे भूल ही गया होगा शायद,कोई इतने दिन तक खफा नही रहता !!
यही वो दिन थे जब इक दूसरे को पाया था
हमारी साल-गिरह ठीक अब के माह में है
"चार साल मोहब्बत करने के बाद उसे याद आया
घर वाले बहुत सख्त हैं नही मानेंगे"
तुम्हारे प्यार का मौसम
हर मौसम से प्यारा है