छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की,
लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं !
हम भी दिल की बात कहाँ कह पाते हैं,
आप भी कुछ कहते कहते रह जाते हैंं!
बात जो दिल में धड़कती है मोहब्बत की तरह,
उस से कहनी भी नहीं उस से छुपानी भी नहीं!
ऐसा नहीं था की दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,बस इतना समझ लो कीहाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी....
मैंने कहा था मुझे अपने दिल में रहने दो...क्योकि बेघर बच्चा आवारा हो जाता है..
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,प्यार का तालुक भी अजीब होता है,आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..