दर्द क्या होता है बताएगे किसी रोज,
अपने दिल की गजल सुनाएंगे किसी रोज,
उड़ने दो परिंदों को खुली फिजाओं में,
हमारे होंगे तो लौटकर आएंगे किसी रोज…
हकीकत कहो तो उन्हें ख्वाब लगता है,
शिकवा करो तो उन्हें मज़ाक लगता है,
कितनी शिद्दत से हम उन्हें याद करतें हैं,
एक वो हैं जिन्हें ये सबकुछ मजाक लगता है…
काश वो मुझे सीने से लगाकर,
मेरी सारी शिकायत दूर कर दे…
मैं सिर्फ उनका हो जाऊं
मुझे वो इतना मजबूर कर दे…..
हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.
हर वक्त फिजाओं में महसूस करोगे तुम
मैं प्यार की खशबू हूँ महकूँगी जमाने तक
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो