तेरी यादें भी किसी क़हर से कम नहीं,
रोज़ आती हैं इक नई तबाही लेकर…
वो फिर मुझे याद आने लगे हैं,
जिन्हे भूलने में जमाने लगे हैं!
तुम्हारा याद
आना भी कमाल होता है,
कभी तो आकर देखो क्या
हाल होता है !!
ख़ुदा करे कि इस दिल की आवाज़ में
इतना असर हो जाए,
जिसकी याद में तड़प रहे हैं हम
उसे ख़बर हो जाए…
कभी उनकी याद आती है,
कभी उनके ख्व़ाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके...
तो उन्हें बेहिसाब आते हैं…