नाम नहीं लूंगा पर सुनो
याद बहुत आती है तुम्हारी
कुछ वादे टूट जाते हैं
बस बातें रह जाती हैं
मिलने वाले बिछड़ जाते हैं
और यादें रह जाती हैं
सब सही करके भी गलत हूँ मैं
ये कैसी तेरी फरियादें हैं
मैंने दिल का कमरा जला दिया
यहाँ फिर भी तेरी यादें हैं
ख़ुदा करे कि इस दिल की आवाज़ में
इतना असर हो जाए,
जिसकी याद में तड़प रहे हैं हम
उसे ख़बर हो जाए…
कभी उनकी याद आती है,
कभी उनके ख्व़ाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके...
तो उन्हें बेहिसाब आते हैं…