मेरी बुराई ज़रा संभलकर करना...
तुम्हारे अपनों में कुछ मेरे भी शामिल हैं...!!
तुम जाने दो सबको तारो के शहर में,तुम मेरे साथ केदारनाथ चलना।
उन परिंदो को कैद करना...
मेरी फितरत में नहीं...
जो मेरे दिल के....
पिंजडे में रहकर भी....
गैरों के साथ....
उड़ने का शौक रखते है ।।
मैंने भी किसी से प्यार किया था
उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था
जो एक बेवफा से प्यार किया था !!