तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
ए दोस्तों.....
लेकिन पूरी उसकी ही होती है जो तक़दीर लेकर आता है .
मुझे सहल हो गई मंजिलें वो,
हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया,
कि चिराग राह में जल गये।
😃😘😊😩😜😂😳😄😀😳
संता और बंता दोनों भाई एक
ही क्लास में पढ़ते थे।
अध्यापिका: तुम दोनों ने अपने पापा का नाम अलग-अलग क्यों लिखा?
संता: मैडम फिर आप कहोगे नक़ल मारी है, इसीलिए।
😃😛😛😛😂😂😂😆😆😆
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था;
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था;
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर;
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
कही से ये फिजा आई
ग़मों की धुप संग लायी
खफा हो गये हम, जुदा हो गये हम....