उन परिंदो को कैद करना...
मेरी फितरत में नहीं...
जो मेरे दिल के....
पिंजडे में रहकर भी....
गैरों के साथ....
उड़ने का शौक रखते है ।।
हर किसी के नसीब मेँ कहाँ लिखी है चाहतेँ,
कुछ लोग दुनिया मेँ आते है फ़कत तन्हाइयों के लिये॥
इश्क की शुरुआत निगाहों से होती है
सजा की शुरुआत गुनाहों से होती है
कहते हैं इश्क भी एक गुनाह है
जिसकी शुरुआत दो बेगुनाहों से होती है
वो कहता है… कि मजबूरियां हैं बहुत…
साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता।
आओ झुक के सलाम करें उनको,जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,खुशनसीब होता है वो खून,जो देश के काम आता है.