वो छोड़ के गए हमें,न जाने उनकी क्या मजबूरी थी,खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं,ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी..
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया|
तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की...सब कुछ काबिल-ए-मरम्मत है...ऐतबार के सिवा...!!!
बहुत मुश्किल से करता हूँ,तेरी यादों का कारोबार,मुनाफा कम है,पर गुज़ारा हो ही जाता है...#गुलज़ार
ना वो सपना देखो जो टूट जाये,ना वो हाथ थामो जो छुट जाये,मत आने दो किसी को करीब इतना,कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये|