“कोई ऐसा दोस्त बनाया जावेजिसके आंसू को पलकों में छुपाया जायेरहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसाकि अगर वो उदास हो तो हमसे भी ना मुस्कुराया जावें ”
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का,
सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।
न कुर्बतों मेंसुकून हैन फासलों में करार हैना वस्ल में मज़ा हैन हिज़्र मेंवो सज़ा हैमैं कहूँ जान की आफततुम कहते हो कि प्यार है