राज जाहिर ना होने दो तो
एक बात कहूं, हम धीरे-धीरे तेरे
बिन मर जाएंगे।
छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को
सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है
मोहब्बत चेहरे से नहीं दिल से होनी चाहिए,
क्योंकि खूबसूरत चेहरे में हमेशा घमंड होता है।
ये चाँद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा ये झील सी नीली आँखे, कोई राज है इन में गहरा तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया
तेरा चेहरा है आईने जैसा क्यो न देखूहै देखने जैसा तुम कहो तो मैं पूछ लू तुमसे है सवाल एक पूछने जैसा दोस्त मिल जायेगे कई लेकिन न मिलेगा कोई मेरे जैसा तुम अचानक मिले थे जब पहले पल नहीं है वो भूलने जैसा..
मोहब्बत का कोई इरादा तो नहीं था ऐ दिलनशी पर देखी जो तेरी अदा तो नियत ही बदल गयी|