आज भी तेरा चेहरा मासूम है,
आज भी मेरी लिए बस यही एक सुकून है।
जब सामने तेरा चेहरा आया,
उसे देख मेरा दिल मुस्कुराया,
करता हूं उस खुदा का शुक्र,
जिसने मुझे तुझसे ऐसे मिलाया।
तेरी बिखरी जुल्फों के बीच जब चेहरा तुम्हारा दिखता है,
ऐसा लगता है मानो घने बादलों के पीछे से चांद नजर आता है।
ये चाँद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा ये झील सी नीली आँखे, कोई राज है इन में गहरा तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया
तेरा चेहरा है आईने जैसा क्यो न देखूहै देखने जैसा तुम कहो तो मैं पूछ लू तुमसे है सवाल एक पूछने जैसा दोस्त मिल जायेगे कई लेकिन न मिलेगा कोई मेरे जैसा तुम अचानक मिले थे जब पहले पल नहीं है वो भूलने जैसा..
मोहब्बत का कोई इरादा तो नहीं था ऐ दिलनशी पर देखी जो तेरी अदा तो नियत ही बदल गयी|