Burai Wohi Karta Hai
Jo Barabari Nahi kar Sakta
चाहा तुमको बस यही है हमारी भूल।
कांटे निकले उसमें, जिसे समझा कमल का फूल।।
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से,
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से,
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से,
आसमान रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से।
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ऐ नादान दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर।
है तेरा जिस्म किसी और की बाहों के लिए,तू तो एक ख़्वाब है बस मेरी निगाहों के लिए!
उसने मुझ से नफरत मरते दम तक करने की कसम खा ली है,और मैंने भी उसे प्यार मरते दम तक करने की कसम खा ली है !!
उसने मुझ से नफरत मरते दम तक करने की कसम खा ली है,
और मैंने भी उसे प्यार मरते दम तक करने की कसम खा ली है !!