अपने ही अपनों से करते है अपनेपन की अभिलाषापर अपनों ने ही बदल रखी है अपनेपन की परिभाषा
अपने ही अपनों से करते है अपनेपन की अभिलाषा
पर अपनों ने ही बदल रखी है अपनेपन की परिभाषा
आप की याद आती रही रात भर
चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर
रात के शायद एक बजे हैं
सोता होगा मेरा चाँद
अजीब लोगो का बसेरा
है तेरा शहर...
गुरूर में मिट जाते
है मगर काम नहीं
आते....!!