दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है
जिंदगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने
अभी तो सारा आसमान बाकी है…
Ajeeb halaat ho gayi hai dil ki,
Na tu iski hui aur na ye mera raha.
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे|
किस कदर अनजान है यह सिलसिला -ए-इश्क भी,मोहब्बत तो कायम रहती है मगर इंसान टूट जाते है!
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है,यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..