मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे|
चले आज तुम ज़हां से ह्ई ज़िन्दगी पराई...!तुम्हे मिल गया ठिकाना हमे मौत भी ना आई...!!ओ दूर के मुसफिर हमको भी साथ लेले रे...हमको भी साथ लेले हम रह गये एकले.....!!!
Tum Laut k anay ka takalluf mat
Karna,
Hum Ek mohabbat ko Do baar Nahi kartay…
बड़े प्यार से तराशा था उस संगेमरमर कोबड़ा नाज़ था उसे अपने आप पर.एक दरार क्या पड़ीकिसीने मुड़ कर देखना तक गंवारा न समझा.
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर
दिलों को तोड़ देते हैं !
तुम मंजिल की बात करते हो
लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं !