वो रोज़ देखता है डूबते सूरज को इस तरह,काश... मैं भी किसी शाम का मंज़र होता।
देखे चाँद ना सूरज ,ये दिल बस तेरा मुरीद जो गया lजो हुए जब-जब तुम्हारे दीद,वो हर लम्हा मेरे लिए ईद हो गया l
प्रेम में ऐसामहसूस होना चाहिए..जैसे किकिसी मंदिर के सामनेसे गुजर गया हो कोई ।
"सारे गुनाहों का हिसाब,क्या एक दिन में ले लेगा,ऐ खुदा अभी बक्श दे,कुछ काम जरुरी बाकी है l"
ग़म न कर ज़िन्दगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खुद खड़ी है…
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!