बस चाय का सहारा है,
वरना कौन हमारा है !
ये इश्क़ ओर चाय दोनों का अजीब रिस्ता है,
एक को बनाना पड़ता है दूसरे को मनाना |
लोग मोहब्बत में चांद तारे मांगते हैमुझे बस तू एक चाय पिला दे
लोग मोहब्बत में चांद तारे मांगते है
मुझे बस तू एक चाय पिला दे
एक मुलाक़ात दो प्याली चाय हम और तुमऔर बातें बेहिसाब कहिये मंजूर है जनाब
एक मुलाक़ात दो प्याली चाय हम और तुम
और बातें बेहिसाब कहिये मंजूर है जनाब
वो चाय ही क्या जो जीभ ना जलाएंऔर वो इश्क ही क्या जो दिल ना जलाएं।
वो चाय ही क्या जो जीभ ना जलाएं
और वो इश्क ही क्या जो दिल ना जलाएं।