शक से भी अक्सर खत्म हो जाते है कुछ रिश्ते कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता|
जाने उस शख्स को कैसे ये हुनर आता है,रात होती है तो आंखो में उतर आता है,मैं उस के ख्यालो से बच के कहाँ जाऊ,वो मेरी सोच के हर रास्ते पे नज़र आता है.
मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!