“तुम अड़े रहो नफरत करने में,हम ध्यान दे रहे हैं आसमान छूने में”
“मंजिल तो उसे एक दिन मिल ही जाएगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो लोग होते हैं जो घर से निकलते ही नहीं”
उड़ने में बुराई नहीं है, आप भी उड़ें..
लेकिन उतना ही जहाँ से जमीन साफ़ दिखाई देती हो।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। - हरिवंशराय बच्चन
ये वादा है हमारा ना छोड़ेंगे साथ तुम्हाराजो गए तुम हमको भूल करले आएंगे पकड़ कर हाथ तुम्हारा !!!