अकेलेपन से सीखी है, पर बात सच्ची है,
दिखावे को नजदीकियों से, हकीकत की दूरी अच्छी है.
यूही नही काले घेरे आंखों के नीचे बढ़ रहे है,
हम आज भी घटित हुए उस हादसे से लड़ रहे है.
क्या बताऊं तुझपर कितना भरोसा जताया था,
शादी करूंगा तुझ्से ये मैने मां को बताया था.
बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की मौसम की तरह तुम बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया|
ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की... और कहेना,के कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाशउनके आँचल का इंतज़ार करती है..........
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया|