Akele rahne ka bhi, apna hi sukoon h na
kisi ke aane ki khushi na kisi ke jaane ka gum
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी
इंतिज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे
मेरी तन्हाई का जो क़िस्सा है,
उसमें चाय का एक अहम हिस्सा हैं.
सूरज सितारे चाँद मिरे सात में रहे
जब तक तुम्हारे हात मिरे हात में रहे
जिस जिस ने मुहब्बत में,
अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,
उनको जुदा कर दिया...
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने,कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो,अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।