छोटी सी है है ज़िन्दगी तो तकरार किस लिये,
रहते हो दिल में तो फिर दिवार किस लिए.
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,आप खुश रहें, मेरा क्या है..मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,यार ज़िन्दगी तोह बीत जायेगी,बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना. |
जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
तुम हमारे सिवा,सभी के हो,
हम किसी के नहीं,तुम्हारे हैं