Story in Hindi & English

Akbar-Birbal Story
आलू की सब्जी Akbar-Birbal Story

एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे हुए थे तब उन्होंने कहा, आलू दुनिया की सबसे उत्तम सब्जी है जिसे हर कोई कभी और किसी तरह से खा सकता हैं. अकबर की इस बात को सुनकर सभी दरबारियों और मंत्रियों ने उनसे सहमति जाहिर की लेकिन बीरबल ने कोई जवाब नहीं दिया. अकबर के पूछने पर बीरबल ने कहा, जहाँपना भगवान की बनाई गई सभी चीज़ों में से आलू भी एक अच्छा वस्तु है जो स्वादिष्ट होता है लेकिन कोई इंसान सिर्फ आलू ही नहीं खा सकता है. 

Who is the owner of the Horse
घोड़े का असली मालिक कौन?

एक बार एक मुसाफिर अपने घोड़े पर बैठकर आगरा जा रहा था. उसे रास्ते में एक व्यक्ति पैदल चलता हुआ दिखाई दिया. उसने उस व्यक्ति को अपने साथ बैठकर उसे उसके घर छोड़ दिया. लेकिन जब उस मुसाफिर ने उस दूसरे व्यक्ति को उसके घर छोड़कर वापस अपना घोड़ा लेकर चलने लगा तब दूसरे व्यक्ति ने उस मुसाफिर से मनमानी तरीके से वो घोड़ा हथियाने की सोची और उस मुसाफिर से झगड़ने लगा. 

Clever Rabbit Story
चालक ख़रगोश

एक जंगल में एक ख़रगोश रहता था, वो बहुत ही चालक था, इसलिए हर जानवर उससे मदद माँगने चले आते थे. एक दिन जंगल के राजा ने सभी जानवरों को अपने पास बुलाकर कहा, मैं तुम सबका राजा हूँ और इसलिए तुम सबको मेरे हर हुकुम को मानना ही होगा. आज से तुम सभी में से एक जानवर खुद ही मेरी गुफ़ा के बाहर आ जायेगा और मेरा खाना बनेगा. सभी जानवरों से उसकी डर की वजह से उसकी बात मान ली.

Clever rabbit and the lion
चालक ख़रगोश और शेर

एक जंगल में एक ख़रगोश रहता था, वो बहुत ही चालक था, इसलिए हर जानवर उससे मदद माँगने चले आते थे. एक दिन जंगल के राजा ने सभी जानवरों को अपने पास बुलाकर कहा, मैं तुम सबका राजा हूँ और इसलिए तुम सबको मेरे हर हुकुम को मानना ही होगा. आज से तुम सभी में से एक जानवर खुद ही मेरी गुफ़ा के बाहर आ जायेगा और मेरा खाना बनेगा. सभी जानवरों से उसकी डर की वजह से उसकी बात मान ली. 

Singhasan Battisi Storeis Part 4
चौथी पुतली कामकंदला ~ विक्रमादित्य की दानवीरता तथा त्याग की भावना

एक दिन राजा विक्रमादित्य अपने राज्य में बैठ कर किसी विषय में बात कर रहे थे कि एक ब्राह्मण वहाँ पर आये. उन्होंने राजा विक्रमादित्य से अकेले में बात करनी की अनुमति मानी. राज मन गए और उस ब्राह्मण ने राजा से कहा कि, '' हे राजन! मुझे देवराज इंद्र ने भेजा है, उन्होंने आप से सहायत मांगी है. आपको उनके आत्मविश्वास की रक्षा करनी हैं.'' 

Prediction of Magical Snake
जादुई साँप की भविष्यवाणी

एक गाँव में एक ब्राह्मण रहता था वो भिक्षा माँगकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. एक दिन उसने सोचा कि जो भी मुझे भिक्षा मि मिलता उसे मेरे परिवार और बच्चों का पेट नहीं भरता है क्यों एक दिन नगर के राजा से चलकर कुछ सहायता के लिए निवेदन करते है. अगले दिन ही ब्राह्मण राजा से मिलने के लिए चल दिया. राजा के महल से पहले एक घना जंगल था ब्राह्मण उसी रास्ते से राजमहल की ओर जा रहा था. तभी उसे एक पेड़ के पास साँप दिखाई दिया. ब्राह्मण ने साँप को प्रणाम किया और उस साँप ने उस ब्राह्मण से कहा, मैं जानता हूँ आप राजा से आर्थिक सहायता माँगने जा रहे.

The Ant and the Grasshopper story
टिड्डा और चींटी

एक बार दूर जंगल में कुछ चींटियाँ खूब सारा खाना अपने घर में ले जाकर जमा कर रही थी. वो लोग हर रोज इसी तरह से खूब मेहनत और लगन के साथ अपना काम कर रही थी. वहीं पास ही में एक टिड्डा भी रहता था वो सारा दिन उनको देखकर बस गिटार बजाता और गाना गाता था. एक दिन उसने चींटियों की रानी से पूछा आप इतनी मेहनत क्यों कर रही है? आप भी मेरी तरह आराम क्यों नहीं करती? 

Teli aur Kasai Akbar Birbal Story
तेली और कसाई अकबर-बीरबल कहानी

एक बार बीरबल अपने महल में आराम कर रहे थे तभी वहाँ पर एक तेली और एक कसाई आ गए. वो दोनों आपस में झगड़ रहे थे और उन्होंने बीरबल से कहा, आप हमें इन्साफ दे.  बीरबल की समझ में कुछ बात नहीं आई और उसके बाद उन्होंने उनसे एक दूसरे से लड़ने का कारण पूछा. तो तेली ने कहा, मैं अपना तेल बेचकर वापस आ रहा था तभी इस कल्लू कसाई ने मुझे अपनी दुकान पर बुलाया और मुझे तेल लिया मैंने उसे तेल दिया और बदले में उनसे मुझे दो रुपए दिए. 

Singhasan Battisi Storeis Part 3
तीसरी पुतली चन्द्रकला ~ पुरुषार्थ और भाग्य में कौन बड़ा

तीसरी पुतली चन्द्रकला ने जो कथा सुनाई वह इस प्रकार है...... 

एक बार परुषार्थ और भाग्य में इस बाद को लेकर झगड़ा हो गया कि उन दोनों में से श्रेष्ठ कौन हैं? दोनों का झगड़ा इतना बढ़ा की वो दोनों देवराज इंद्र के पास गए, इंद्र भी इस बात का सही उत्तर नहीं दे सकें तो उन्होंने उन दोनों को उज्जैयनी के राजा विक्रमादित्य के पास भेज दिया. उन दोनों ने मानव का भेष धारण कर राजा विक्रम के पास गए. राजा ने उन दोनों की फ़रियाद सुनी और उन दोनों को सही जवाब देने के लिए उनसे 6 महीनें का समय माँगा और उन दोनों ने राजा को समय दे दी और वापस चले गए.

Singhasan Battisi Storeis Part 5
पाँचवीं पुतली - लीलावती ~ विक्रमादित्य की दानवीरता

एक बार राजा विक्रमादित्य अपने राज दरबार में बैठे थे कि एक ब्राह्मण का आगमन हुआ. राजा ने उस अतिथि ब्राह्मण की खूब सेवा की. उसके बाद उस ब्राह्मण ने कहा, '' हे राजन! आपके राज्य में देवी लक्ष्मी की असीम कृपा होगी अगर आप एक सुन्दर और भव्य महल का निर्माण कराकर उसमें रहें तो. राजा विक्रम को ये बात अच्छी लगी और उन्होंने जनता और राज्य की भलाई के लिए एक बहुत ही सुंदर महल बनवाया.

Bahubhashik Akbar Birbal Story
बहुभाषीक व्यक्ति

एक बार बादशाह अकबर और बीरबल राज्य में घूम रहे थे. तभी उन्होंने देख एक दुकान पर बहुत खूबसूरत कालीन बिक रहा था. अकबर ने बीरबर से उसका दाम पूछने को कहा. बीरबल के पूछने पर व्यापारी ने तमिल में कुछ कहा लेकिन दोनों की समझ में कुछ नहीं आया. कभी देर हो गई लेकिन उनको पता नहीं चला की वो क्या बोल रहा हैं और दोनों वापस राजमहल आ गए. अकबर ने अपने मंत्री सुखदेव को जी से कहा, आप एक ऐसे व्यक्ति को ढूढ़ कर लिए जो कई सारी भाषाएं बोल सकता हो.

Fight between Bear and Woodpecker
भालू और कठफोड़वे की लड़ाई

सुंदरवन जंलग में एक दिन भालू मोतिमल और कठफोड़वे झोकूँचंद मखमल के बीच लड़ाई शुरू हो गयी, और धीरे धीरे ये लड़ाई इतनी बढ़ी की दोनों ने युद्ध का एलान कर दिया. युद्ध के लिए दो दिन बाद का दिन और नदी के पास वाला मैदान तय किया गया. सभी जानवर एक तरफ और सभी पक्षियां, कीड़े सब एक तरफ हो गए. युद्ध की तैयारी दोनों ख़ेमों में ज़ोरो शोरों से शुरू हो गई, ऐसा लग रहा था की तीसरा विश्व युद्ध होने वाला हैं. 

The Great Teacher Akbar-Birbal story
महान शिक्षक

आगरा में एक सेठ रहता था जिसका नाम था लाला किरोड़ीमल वो बहुत ही लालची और कंजूस था. एक दिन उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि आप मुझे एक स्वर्ण मुद्राएं दे दीजिये मैं खाने की सामग्री लेने जा रही हूँ. लाला ने कहा, अरे भाग्यवान इतना ज्यादा पैसा सिर्फ खाने पर ही नहीं ख़र्च करना चाइये. तभी घर की रसोई से कुछ टूटने की आवाज़ आई. दोनों घर के अंदर गए तो देखा की उनके बेटे घर में घी का घड़ा तोड़ दिया था. लाला जी को गुस्सा आ गया और उसको डाँट कर बाहर भगा दिया. 

Searching for happiness moral story
सुख की खोज

काशी में एक राजा राज्य करता था. उसके पास अथाह धन सम्पत्ति थी, सुख सुविधाओं से भरा पूरा परिवार था लेकिन वो हमेशा बेचैन रहता था. हमेशा उदासी में जीता था. जिसकी वजह से उसका मन काम में नहीं लगता था. एक दिन उसके राज्य में एक साधु महात्मा आये. 

Seth ka batua moral story
सेठ झोकुचंद का बटुआ

एक बार सेठ झोकुचंद बाजार से अपने घर को वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में ही उनका बटुआ कही गिर गया. लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी तब हुई जब वो अपने घर पहुँच गए और उसके बाद उन्होंने हाए तौबा मचाने लगे. उसके बाद उन्होंने ऐलान कर दिया कि जो कोई भी उनका खोया हुआ बटुआ लौटाएगा उसे वो 100 रुपए बतौर ईनाम देंगे.