महान शिक्षक

महान शिक्षक Akbar-Birbal story

आगरा में एक सेठ रहता था जिसका नाम था लाला किरोड़ीमल वो बहुत ही लालची और कंजूस था. एक दिन उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि आप मुझे एक स्वर्ण मुद्राएं दे दीजिये मैं खाने की सामग्री लेने जा रही हूँ. लाला ने कहा, अरे भाग्यवान इतना ज्यादा पैसा सिर्फ खाने पर ही नहीं ख़र्च करना चाइये. तभी घर की रसोई से कुछ टूटने की आवाज़ आई. दोनों घर के अंदर गए तो देखा की उनके बेटे घर में घी का घड़ा तोड़ दिया था. लाला जी को गुस्सा आ गया और उसको डाँट कर बाहर भगा दिया. 

तभी लाला की पत्नी ने कहा, आप इसके लिए कोई अच्छा सा शिक्षक क्यों की ढून्ढ लेते वैसे भी ये बहुत शरारती हो गया है. लाला ने तुरंत उनकी बात मान ली और अपने दोस्त बीरबल से मिलने उनके घर चले गए. बीरबल से लाला ने मिलकर अपनी फरियाद की तब बीरबल ने उनसे कहा मैं एक बहुत ही अच्छे शिक्षक को जानता हूँ. उनका नाम है विनायक और वो आपके बेटे को अच्छी शिक्षा देंगे. 

अगले दिन लाला किरोड़ीमल के घर विनायक जी पहुँच गए, लाला ने उनसे कहा, मैं आपको गुरू दक्षिणा के रूप में 5 स्वर्ण मुद्राएं दूंगा और साथ ही आप दिन  भर हमारे यहाँ ही रहेंगे इसलिए आपको मैं भोजन भी करूँगा. 

तीन दिन बीत गए, लाला का लड़का बहुत ही आज्ञाकारी और नेक बन गया. एक दिन लाला की पत्नी ने विनायक जी को उनकी दक्षिणा देने के बारे में कहा, आपने विनायक जी को पिछले तीन महीनें से दक्षिणा नहीं दी देखिए ना हमारा बेटे कितना आज्ञाकारी हो गया हैं. लाला ने कहा, कैसे पैसे? उनके भोजन पर जितना ख़र्चा होता है अगर उसको देखा जाये तो उल्टा विनायक जी को हमने पैसे देने चाहिए. 

विनायक जी बीरबल से मिलने गए और सारी बात उनको बता दी. कुछ दिनों बाद बीरबल लाला के पास आये. अरे लाला जी कैसे है? आपका बीटा कैसा है? लाला जी ने सब हाल सुनाया. अब बीरबल ने कहा, आपने विनायक जी को दक्षिणा क्यों नहीं दी? लाला ने फिर वहीं बात कही जो अपनी पत्नी से कहा था. बीरबल ने कहा, अच्छा तो मेरे पास एक और शिक्षक है जो आपके बेटे को बेहतर शिक्षा देंगे और किसी भी प्रकार की कोई दक्षिणा या भोजन भी नहीं करेंगे लेकिन उसके लिए मैं चाहता हूँ की आप विनायक जी के सारे पैसे देकर उनको विदा कीजिये. लाला ने ये बात सुनकर फौरन सारी दक्षिणा दे दी. अगले दिन बीरबल गौतम बुद्ध की एक मूर्ति लेकर लाला के पास गए. लाला ने कहा, अरे तो एक मूर्ति है. जी बिलकुल ये दुनिया के सबसे महान शिक्षक की प्रतिमा है जो बिना किसी प्रकार की दक्षिणा के ज्ञान देंगे. अब लाला को बात समझ में आ गई और उन्होंने एक बार फिर से विनायक जी को वापस बुला लिया और उनसे क्षमा मांगी.