तेली और कसाई अकबर-बीरबल कहानी

तेली और कसाई  अकबर-बीरबल कहानी

एक बार बीरबल अपने महल में आराम कर रहे थे तभी वहाँ पर एक तेली और एक कसाई आ गए. वो दोनों आपस में झगड़ रहे थे और उन्होंने बीरबल से कहा, आप हमें इन्साफ दे.  बीरबल की समझ में कुछ बात नहीं आई और उसके बाद उन्होंने उनसे एक दूसरे से लड़ने का कारण पूछा. तो तेली ने कहा, मैं अपना तेल बेचकर वापस आ रहा था तभी इस कल्लू कसाई ने मुझे अपनी दुकान पर बुलाया और मुझे तेल लिया मैंने उसे तेल दिया और बदले में उनसे मुझे दो रुपए दिए. 

लेकिन तभी उसने कहा, भाई आप थक गए होंगे हाथ मुँह धों कर आराम कर ले और इसके बाद यहाँ से चले जाना. मैंने उसकी बात मान ली और हाथ मुँह धोने गया और जब लौटा तब इसने मेरी  पैसे से भरी पोटली चुरा ली और मुझसे जबरदस्ती लड़ने लगा. उसी समय बादशाह अकबर भी वहाँ पर आ गए थे उन्होंने तेली की बात को गौर से सुना. तभी कसाई ने कहा, नहीं महाराज ये झूठ बोल रहा है. हुआ कुछ यूँ था कि, '' मैं अपने दुकान पर था तभी ये मेरे दुकान पर आया और मुझसे तेल लेने की फरियाद करने लगा और मैंने खूब समझाया कि मेरे पास तेल है लेकिन अंत में इनकी जिद के कारण मैंने दो रुपए का तेल लिया. जब मैंने पैसा दिया तो इसने मेरी पोटली देख ली और उसे हथियाने के लिए मेरे दुकान पर रुक गया और हाथ मुँह धोने के बहाने मेरी पोटली चुरा ली.'' 

बादशाह अकबर ने दोनों की कहानी सुनने के बाद बीरबल से कहा ये तो बहुत मुश्किल मामला है तुम अब कैसे इन्साफ करोगे? बीरबल ने कहा, बादशाह इस घटना का एक साक्षी है जो इस बात को साबित कर सकता है कि ये थैला आख़िर किसका है? सभी ये सुनकर हैरान हो गए. तभी बीरबल ने अपने सेवक से एक पात्र में पानी मंगाया. उन्होंने उस पोटली को लेकर उसके सारे सिक्के उस पानी में डाल दिया और उसके बाद उन्होंने कहा, फैसला हो गया. पता चल गया की असली अपराधी कौन है? उन्होंने वो थैला तेली को दे दिया और कहा, जहाँपना ये तेली सही कह रहा था और कसाई दोषी है. इसी ने इसके पैसे चुराए थे. बादशाह हैरान हो गये. उन्होंने पूछा तुमने ये कैसे किया? बीरबल ने उस पानी की तरफ इशारा करते हुए कहा, बादशाह आप पानी को गौर से देखिये आपको तेल की एक मोती परत दिखाई देगी जो की सिक्के को पानी में डालने की वजह से हुआ है. इसलिए ये स्पष्ट है की ये पैसों की थैली इस गरीब तेली की है. कसाई दोषी है और उसे उचित दण्ड दिया जाये.