“काश...तुम मेरे होते,
और ये अल्फ़ाज़ तुम्हारे होते।”
फरवरी की एक सर्द शाम और साथ तुम्हारा हो....!
काश कुछ पल ही सही, ख़्वाब ये सच हमारा हो....!!
गम में हँसने वाले को रूलाया नहीं जाता,
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता,
होने वाले हो जाते हैं खुद ही अपने,
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता.
बहते अश्कों की जुबाँ नहीं होती,
कभी लफ्जों में मोहब्बत बयाँ नहीं होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
क्योंकि किस्मत हर किसी पर मेहरबान नहीं होती.
इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गये,
बस एक नजर पड़ी और हम उनके हो गये.
हमें चाँद जैसा चहेरा देखने की इज़ाज़त देदो,
हमें एक प्यारी सी शाम सजाने की इज़ाज़त देदो.
हमें कैद करलो आपकी मोहब्बत की जाल में,
या हमें आपको मोहब्बत करने की इज़ाज़त देदो