इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें
सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
ज़िस्म के ज़ख्म हो तो मरहम भी लगाएं,
रूह के नासुरों का हकीम मिलता नहीं हमें!
यूं तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैंमिलने वाले कहीं उल्फ़त में जुदा होते हैं
ना कोई महल, ना सपना,ना कोई फूल छोड़ जाता हूँ,तुम्हारे नाम लिखें है कई ख़त, रोज एक छोड़ आता हूँ l
झूठ के साथ तेरे साथ रहे,तो इश्क़ गुनाह हो जायेगा,इस लिए बेहतर होगा,सच के साथ जुदा हो जायेंगे l
हमारी राहों में रुकावट बनाने वालों
खुद की मंजिल हुई गवा बैठोगे