हर किसी के पास,अपने अपने मायने हैं।खुद को छोड़ सिर्फ दूसरों के लिये ही आईने हैं.
हर किसी के पास,अपने अपने मायने हैं।
खुद को छोड़ सिर्फ दूसरों के लिये ही आईने हैं.
सीतल-सीतल वायु चली,
आकाश हुआ सुहाना,
अनपढ़ भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे,
शिक्षित हुआ ज़माना....
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
Jis ke naseeb mein hon zamaney ki thokarein…!!
Us bad-naseeb sey na sahar’on ki baat ker…