दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
मैं लव हूँ पर मेरी बात तुम हो,
और मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो।
Sacchi Mohabbat Qismat Se Milti Hai
Marzi Se Nhi.
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिये,
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है