मैं लव हूँ पर मेरी बात तुम हो,
और मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो।
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं हम एक दूसरे के करीब से..फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है…!!
तेरे पास में बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत …….
न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत…
न चांद होगा ना तारे होंगे,क्या हम इस साल भी कुंवारे होंगे ,इस दुनिया में कितनों के निकाह हो गए ,क्या हमारे नसीब में सिर्फ निकाह के छुहारे होंगे।
नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिये,
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है