Bina baat ke hi ruthane ki aadat hain..
Sad Shayari
नाम क्या दूँ मैं अपनी दीवानगी को..
बेचैनी दिल की तड़पने लगी है..
इस रवानगी से में क्या कहूँ..
जो हर पल तुम्हे याद करने लगी है.
Happy Hug Day.
यादों की शाल ओढ़ के आवारा-गर्दियाँ
काटी हैं हम ने यूँ भी दिसम्बर की सर्दियाँ
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ
अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ