कागज़ पे लिखी कुछ लाइन ऐसी भी होती है,
किसी को हँसा और किसी को रुला जाती है,
वाह मौसम आज तेरी अदा पर दिल खुश हो गया…याद मुझे आई अौर बरस तू गया
'प्रेम' एक ऐसी यात्रा हैजहां हमखुद 'से'खुद 'को'मिलाने के लिएदूरी तय करते हैं।
जब चली ठंडी हवा बच्चा ठिठुर कर रह गया
माँ ने अपने ला'ल की तख़्ती जला दी रात को
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।