शिकायत तों मुझे खुद से है,
तुझसे तो आज भी इश्क है !
जो सुनता हूँ सुनता हूँ मैं अपनी ख़मोशी सेजो कहती है कहती है मुझ से मेरी ख़ामोशी
मेरी मासूम सी मुहब्बत को ये हसीं तोहफे दे गए हैं,जिंदगी बन कर आए थे.. और जिंदगी ले गए हैं!
"आँखें खोलते ही ज़िंदगी,
दहशत में नज़र आ रही है,
ना जाने कितनी गलतियों का,
हिसाब एक साथ चुका रही है l"
है हक़ीक़त कि हमें आपके सिवा,
कुछ भी नज़र नहीं आता,
यह भी हकीकत है आपके सिवा,