मेरी मासूम सी मुहब्बत को ये हसीं तोहफे दे गए हैं,जिंदगी बन कर आए थे.. और जिंदगी ले गए हैं!
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…
गुज़रते लम्हों में सदिया तलाश करता हूँ,
ये मेरी प्यास है नदिया तलाश करता हूँ.
यहाँ तो लोग गिनाते है खुबिया अपनी,
में अपने आप में खामिया तलाश करता हूँ….!!
Kitnaa khouf hota hai shaam ke andheroo mein,
Poonch un parindoo se jin ke ghar nahi hote.