पहली बार किसी चेहरे पर निगाह ठहरी है
उसकी आंखे सागर से भी गहरी है
थक गया मैं अपने प्यार का इजहार
करते करते
तब पता चला कि वो तो बहरी है..!!
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
कभी कभी हम किसी के लिए उतना जरुरी भी नहीं होते जितना हम सोच लेते है|
बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की मौसम की तरह तुम बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया|
आरजू होनी चाहिए किसी को याद करने की लम्हे तो अपने आप मिल जाते है|