अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं.
ज़िन्दगी में किसी का साथ काफी है,
हाथों में किसी का हाथ काफी है,
दूर हो या पास फर्क नहीं पड़ता,
प्यार का तो बस अहसास ही काफी है।
काश इक दिन ऐसा भी आये हम तेरी बाहों में समा जाएँ,
सिर्फ हम हो और तुम हो और वक्त ही ठहर जाए।
कैसे बदल दूं मैं फितरत ये अपनी,मुझे तुम्हें सोचते रहने की आदत सी हो गई है..!!
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझेफिर से आज जीने की वजह मिल गयी
लबों से छू लूँ जिस्म तेरा, साँसों में साँस जगा जाऊँ, तू कहे अगर इक बार मुझे, मैं खुद ही तुझमें समा जाऊँ।