एक तरफ़ा ही सही,हम इश्क निभाएंगे, ♡कभी आना हमारे शहर,माँ की हाथ की चाय पिलायेंगे। 1120
एक तरफ़ा ही सही,
हम इश्क निभाएंगे, ♡
कभी आना हमारे शहर,
तोड़ दो ना वो कसम जो तुमने खाई है,
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है!
हँसना हसाना काम हे मेरा इसलिए
तो 'kajal' नाम हे मेरा..
" बहुत खुश चेहरे के पीछे,अक्सर उदास आँखें होती है l "
मन करता हैएक लंबी, अकेली यात्रा पर निकल जाऊँ।तब याद आता है इतने बरसों से उसी यात्रा में हूँ ।
हर पुरानी बात कोछोड़ने की कोशिश,नये दिन के शुरुआत में करता हूँ,हर शाम लौट के वापस,कल के शाम के पास आ जाता हूँ l