मेरा आज मेरा कल हो आप,
मेरे हाथों की मेहँदी हाथों की लकीर हो आप,
हर पल बस आपका ही रहता है ख्याल हमको,
कुछ इतना दिल के करीब हो आप…
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे,
जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो,
पर रजाई न दे पायेंगे....
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है.....
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..