फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,
जिंदगी जुल्फ नहीं जो फिर सवंर जायेगी,
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये जिंदगी ठहरेगी नहीं जो गुजर जायेगी.
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता
Zindagi Yun Hi Bahut Kam hai Mohabbat Ke Liye,
Fir Ek Dusre Se Rooth Kar Wakt Gawane Ki Jarurat Kya hai.
पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
इन पलकों में क़ैद कुछ सपने है,
बेगाने है कुछ, तो कुछ अपने है,
ना जाने कैसी कशिश सी है इन ख्यालो मेंकुछ लोग दूर हो कर भी कितने अपने है!!!