नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
खुश रहना तो हमने भी सीख लिया था
उनके बगैर
मुद्द्त बाद उन्होने हाल पूछ के फिर
बेहाल कर दिया..
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
Zindagi Ne Kai Sawaal Badal Diye,
Waqt Ne Mere Halaat Badal Diye,
Itne Bure Nahin Hai Hum,
Na Jaane Kyu Logon Ne Apne
Khayaal Badal Diye…
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!