उलझा रही है मुझको,यही कश्मकश आजकल..!!तू आ बसी है मुझमें,या मैं तुझमें कहीं खो गया हूँ??
उलझा रही है मुझको,
यही कश्मकश आजकल..!!
तू आ बसी है मुझमें,
या मैं तुझमें कहीं खो गया हूँ??
सज रही हैं खुशियों की महफ़िल,
सज रहे समाज हैं हो ये खुशहाल.
सलामत रहे आपकी पूरी जिंदगी,
मुबारक हो नया साल।
इकरार में शब्दों की एहमियत नही होती,
दिल के जज़बात की आवाज़ नही होती,
आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफज़ो की मोहताज़ नही होती!
दूसरों की मानोगे तो मुझे
बुरा ही पाओगे, लेकिन
खुद मिलोगे तो वादा रहा,
मुस्कुरा कर जाओगे...!!