न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैंवो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैं
वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
जिन फूलों को संवारा था
हमने अपनी मोहब्बत से,
हुए खुशबू के काबिल तो
बस गैरों के लिए महके।
इश्क की शुरुआत निगाहों से होती है
सजा की शुरुआत गुनाहों से होती है
कहते हैं इश्क भी एक गुनाह है
जिसकी शुरुआत दो बेगुनाहों से होती है
जिंदगी में कठिनाइयां आयें तो उदास ना होना
क्यूंकि कठिन रोल अच्छे एक्टर को ही दिए जाते हैं!!