कोरा कागज था मन मेरा जिस
पर नाम है,था, सिर्फ और सिर्फ तेरा
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है;जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है!
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है;
जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है!
प्रेम से सनी मिट्टी में ही...,,
विरह के पुष्प उगते हैं ...
" 'तुम ठीक हो' मेरे पूछने पे,जवाब 'हाँ' में आना ही..आज किसी मोह्हबत वाली,बात से जादा सुकून देता है l"
तुम्हें देखे बिना हम तो ना रह पायेंगे,नज़र चुराते है, नज़र मिलते ही आँख भर आएंगे l
हमने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर,
अपना ही इंतज़ार किया!!