कोरा कागज था मन मेरा जिस
पर नाम है,था, सिर्फ और सिर्फ तेरा
जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे
जिंदगी बहुत खूबसूरत है सब कहते थे
जिस दिन तुझे देखा तो मुझे
यकीन भी हो गया…
जिंदगी एक फूल है
तो मोहब्बत उसकी खुशबू है
प्यार एक दरिया है
तो महबूब उसका साहिल है अगर
जिंदगी एक दर्द है तो दोस्त उसकी दवा है
नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिये,
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है