कागज की कस्ती बना कर,
बहा देते है, ना जाने कौन सी मंजिल
के लिए, समंदर में छोड़ देते है,
चाहा तुमको बस यही है हमारी भूल।
कांटे निकले उसमें, जिसे समझा कमल का फूल।।
हम उसे याद बहुत आएँगे
जब उसे भी कोई ठुकराएगा
मैंने बोला था याद मत आना
झूठ बोला था, याद आओ मुझे
Good Night Shayari
किसने दस्तक दी ये दिल पर कौन है
आप तो अंदर है फिर बाहर कौन है..
वो बेवफा न था यूँ ही बदनाम हो गया 'फ़राज़'
हजारों चाहने वाले थे वो किस किस से वफ़ा करते