जो बेइन्तिहाँ चाहत से रूह में उतर जाये
सिर्फ वही मोहब्बत में माहिर है..
फूलों पर जैसे पड़ती बारिश की बौछार है
चमकने को जैसे फूल भी तैयार है
उसी तरह मेरा दिल भी बेकरार है
तु ही बता में क्यु ना कहु की तुझसे कितना प्यार है
ये मेरी मोहब्बत थी की दीवानगी की इंतिहा, तेरे करीब से गुजर गया तेरे ही ख़यालो में!!
मेरी जिंदगी मै खुशियां तेरे बहाने से है, आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है.
अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे
मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले
इरादा तो हरगिज न था तुमसे मोहब्बत का,
सच कहे तो तुम्हे देखते ही मोहब्बत हो गयी।