मुद्दत हुई इक शख़्स ने दिल तोड़ दिया था
इस वास्ते अपनों से मोहब्बत नहीं करते
इश्क़ है या इबादत
अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम
जो दिल से नहीं जाता।
जागना और जगा के सो जाना
रात को दिन बना के सो जाना
Text करना तमाम रात उसको,
उंगलियों को दबा के सो जाना
मैंने बोला था याद मत आना
झूठ बोला था, याद आओ मुझे
Good Night Shayari
हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी