तस्वीरें लेना भी जरूरी हैं ज़िंदगी में...आईने गुजरा हुआ वक्त नही बताया करते!!
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही