ऐ हवा तू ये जुर्म ना करा कर,
तू उसे यूँ छूआ ना कर….
इक डूबती धड़कन की सदा लोग ना सुन ले…
कुछ देर को बजने दो ये शहनाई ज़रा और…
जान ले लेगी अब ये ख़ामोशी,क्यूँ ना झगड़ा ही कर लिया जाये..!
होता हूँ अकेला तो खुद के पास होता हूँ,कहाँ खो गया हूँ मैं भीड़ में ये सोचता हूँ l
किसी को क्या बताये की
कितने मजबूर है हम..!!
चाहा था सिर्फ एक तुमको और
अब तुम से ही दूर है हम..!!
अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे