इक डूबती धड़कन की सदा लोग ना सुन ले…
कुछ देर को बजने दो ये शहनाई ज़रा और…
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब,कि सारी उम्र हम अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे।
वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो।
हर बार जब भी नया साल आता हैं
हम दुआ करते हैं कि आपको
इस साल भी वह सब मिले
जो आपका दिल चाहता हैं।
नया साल आपको मुबारक हो!