अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho
उठा लो दुपट्टे को ज़मीन से कहीं दाग़ न लग जाए,
पर्दे में रखो चेहरे को कहीं आग न लग जाए।
चारो तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ,
मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात
सभी का शुभ हो नव वर्ष हर बार
Ulfat Mein Kabhi Yeh Haal Hota Hai;
Aankhen Hasti Hain Magar Dil Rota Hai;
Mante Hain Hum Jisse Manzil Apni;
Humsafar Uska Koi Aur Hota Hai!