"कोई कह दे हर शाम कि, दिन भर तेरा इंतज़ार किया,बस इतनी सी हसरत लिए रोज घर से निकल जाता हूँ l"
ये ज़िन्दगी तेरी यादो से,
अब नासूर सी चुभती है,
किसे पता था मेरी दोस्त,
ये यादे ताज महल से बड़ी लगती है!
नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
सदा दूर रहो ग़म की परछाइयों से,
सामना ना हो कभी तन्हाइयों से,
हर अरमान हर ख़्वाब पूरा हो आपका,
यही दुआ है दिल की गहराइयों से।
निकलते है तेरे आशिया के आगे से,
सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा,
खिड़की से तेरी सूरत न सही
तेरा साया तो नजर आएगा…!!